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80U Deduction in Hindi

आयकर की धारा 80U क्या है इससे कितनी टैक्स छूट मिलती है
आयकर की धारा 80U क्या है इससे कितनी टैक्स छूट मिलती है

आयकर की धारा 80U क्या है ? इससे कितनी टैक्स छूट मिलती है?

धारा  80U के माध्यम से कोई विकलांग व्यक्ति स्वयं अपने ऊपर खर्च पर टैक्स छूट का दावा कर सकता है। एक बार फिर से ध्यान दें— विकलांग व्यक्ति स्वयं।

जबकि धारा 80DDB के तहत कोई व्यक्ति स्वयं की बजाय अपने परिवार के किसी विकलांग सदस्य पर हुए खर्च पर टैक्स छूट का दावा कर सकता है।

आयकर की धारा 80 u क्या है?

धारा section 80U के तहत टैक्स छूट (deduction) की सुविधा, विकलांगता के स्तर के हिसाब से मिलती है। विकलांगता का स्तर हल्का होने पर कम टैक्स छूट मिलती है, जबकि विकलांगता का स्तर गंभीर होने पर ज्यादा टैक्स छूट मिलती है। धारा 80U के तहत टैक्स छूट को दो श्रेणियों में बांटा गया है।

सामान्य विकलांग व्यक्ति पर खर्च के लिए के लिए टैक्स छूट
(Deduction for expense on Common disabile person)

सामान्य विकलांग व्यक्ति उसे माना गया है जो चिकित्सा विज्ञान के हिसाब से 40% विकलांगता का शिकार है। धारा 80 यू के तहत कम से कम 40% विकलांगता ग्रस्त व्यक्ति पर सालाना 75 हजार रुपए तक के खर्च पर टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है।

गंभीर रूप से विकलांग व्यक्ति पर खर्च के लिए के लिए टैक्स छूट
(Deduction for expense on severe disabile person)
गंभीर विकलांग व्यक्ति उसे माना गया है, जो चिकित्सा विज्ञान के हिसाब से कम से कम 80% विकलांगता का शिकार है। धारा 80 यू के तहत ऐसा व्यक्ति जो कम से 80% या इससे अधिक विकलांगताग्रस्त है, उस पर भर में हुए 1 लाख 25 हजार रुपए तक के खर्च पर टैक्स छूट ली जा सकती है।

विकलांगता की श्रेणी और छूट
(Category of disability & Deduction)

सामान्य विकलांगताग्रस्त व्यक्ति|Normal Disabled person (40% disability)

*Deduction allowed Rs. 75,000*

गंभीर विकलांगताग्रस्त व्यक्ति Severely disabled person (80% disability)

*Deduction allowed Rs. 1,25,000*

धारा 80 यू के तहत टैक्स छूट के लिए आवश्यक दस्तावेज

धारा 80 यू के तहत टैक्स छूट पाने के लिए आपको पहली बात तो भारतीय नागरिक होना चाहिए। दूसरी बात, आपके पास उपयुक्त चिकित्सा अधिकारी की ओर से जारी विकलांग व्यक्ति .“a person with disability” का प्रमाणपत्र होना चाहिए।

उपयुक्त चिकित्सा अधिकारी (medical authority) के रूप में निम्नलिखित अधिकारियों को रखा गया है-

👉 राजकीय अस्पताल का सिविल सर्जन या मुख्य चिकित्सा अधिकारी| A Civil Surgeon or Chief Medical Officer (CMO) of a government hospital.

👉नयूरोलॉजिस्ट जो कि न्यूरोलॉजी में एमडी की उपाधि धारण करता हो| A Neurologist with an MD in Neurology

👉बच्चों के मामले में Paediatric Neurologist जिसके पास एमडी की उपाधि हो| In case of children, a Paediatric Neurologist having an MD degree.

*Note* 👉 धारा 80 यू के तहत टैक्स छूट का दावा करने के लिए शारीरिक समस्या से ग्रस्त व्यक्ति को कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करना पड़ता। लेकिन इसका प्रमाणपत्र आपके पास होना जरूरी है, ताकि आगे किसी जांच की स्थिति में उसे पेश किया जा सके। लेकिन गंभीर बीमारियों जैसे कि autism या cerebral palsy के संबंध में Form 10-IA अलग से भरा जाना अनिवार्य होता है।

किन्हें माना जाएगा विकलांग व्यक्ति
Who will be Deemed a disable Person?

निम्नलिखित में से किसी भी शारीरिक अक्षमता से ग्रस्त व्यक्ति को विकलांग व्यक्ति की श्रेणी में माना गया है। जिसे उपयुक्त चिकित्सा अधिकारी से प्रमाणित भी किया गया हो—

दृष्टिहीनता (अंधत्व) | Blindness

कम दिखाई देना | Low vision

कोढ की बीमारी | Leprosy-cured

सुनने की अक्षमता | Hearing impairment

लोको मोटर अक्षमता | Loco motor disability

मानसिक अक्षमता | Mental retardation

मानसिक अयोग्यता | Mental illness

आटिज्म (भूलने की बीमारी) |Autism

सेरेबल पॉल्सी की बीमारी | Cerebral palsy

Note: विकलांग व्यक्ति उसे माना जाएगा उसे Equal Opportunities, Protection of Rights and Full Participation) Act, 1995 में परिभाषित किया गया है।


धारा 80 जी क्या है इसके तहत कर छूट के प्रावधानों के बारे में बताए।
धारा 80 जी क्या है इसके तहत कर छूट के प्रावधानों के बारे में बताए।

धारा 80 जी क्या है? इसके तहत कर छूट के प्रावधानों के बारे में बताए?

धारा 80G के तहत कर छूट लेने के लिए आवश्यक शर्ते :-

(i) आप जिस संस्था को दान दे रहे है, वह आयकर अधिनियम 1961 के सेक्शन 12A के तहत रजिस्टर्ड होनी चाहिए और साथ ही धारा 80G के तहत दान लेने के योग्य होनी चाहिए। अगर आप आयकर कानून के तहत अपंजीकृत संस्था या विदेशी ट्रस्ट या किसी राजनीतिक दल को चंदा या दान करते हैं तो इस प्रकार के दान पर 80G में कोई टैक्स छूट नहीं मिलेगी।

(ii) बैंक ड्राफ्ट, नकद, चेक या ऑनलाइन भुगतान के माध्यम से किए गए दान पर टैक्स छूट ली जा सकती है। यदि आप नकद में दान कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि दान राशि रुपये 2000/- से अधिक नहीं हो। उक्त सीमा से अधिक नकद दान के लिए कर छूट दावा केवल ₹2000/- तक ही अनुमत है। वित्तीय वर्ष 2017-18 से नकदी के रूप में दान या चंदे को अधिकतम 2000 रुपए तक सीमित कर दिया गया है। इससे अधिक का दान या चंदा अन्य किसी रिकॉर्डयुक्त माध्यम (चेक, ड्राफ्ट या डिजिटल पेमेंट) से ही दिया जा सकता है।

(iii) किसी भी प्रकार की सामग्री, भोजन, दवाओं, कपड़े या अन्य रूप में किया गया दान आयकर अधिनियम की धारा 80 जी के तहत कटौती के लिए पात्र नहीं हैं।

(iv) धारा 80 जी के तहत टैक्स छूट का फायदा लेने के लिए आपके पास संस्था की ओर से दी गई दान की रसीद अथवा दान का वैध प्रमाण अवश्य होना चाहिए। डिजिटल भुगतान से किए दान पर रशीद के बिना भी छूट ली जा सकती है।

(v) संस्था जो रसीद दे रही हैं, उस पर संस्था का नाम एवं पूरा पता, रसीद नंबर, दान दी गई राशि का विवरण अंकों एवं शब्दो मे, प्राप्तकर्ता के हस्ताक्षर, संस्था का 80जी के तहत पंजीयन प्रमाणपत्र क्रमांक आदि विवरण अवश्य अंकित होना चाहिए।

(vi) धारा 80 जी के तहत कटौती का दावा करने के लिए आपको अपना रिटर्न दाखिल करते समय कुछ विवरणों का उल्लेख करना होगा जैसे – दानदाता का नाम एवं पता, अंशदान राशि, दान प्राप्त करने वाली संस्था/कोष का नाम व पता एवं पैन नम्बर एवं धारा 80G के अंतर्गत पंजीयन का क्रमांक आदि का विवरण देना आवश्यक है।

(vii) दान की राशि में प्राप्त छूट : धारा 80जी में निर्दिष्ट विभिन्न दान प्रदान किए गए प्रावधानों के अनुसार 100% या 50% तक की कटौती के लिए पात्र हैं।

नोट :- आयकर अधिनियम की धारा 80G के अन्तर्गत चैरिटेबल संस्थाओं को दिए गए दान पर छूट देने के लिये आहरण एवं वितरण अधिकारी सक्षम नहीं है, करदाता को इस दान को अपनी रिटर्न फाइल करने पर स्वयं कर छूट हेतु क्लेम करना होगा। लेकिन जहां किसी कर्मचारी ने अपने वेतन से दान का भुगतान किया है और नियोक्ता द्वारा स्वयं उसके वेतन से राशि काट ली गई है, तब नियोक्ता द्वारा धारा 80जी के तहत की गई कटौती का दावा किया जा सकता है। ऐसे मामलों में नियोक्ता द्वारा जारी फॉर्म नंबर 16 में ये कटोती (दान) अंकित होगा।


80ccd(1b) in Hindi

80ccd(1b) in Hindi

50,000 तक निवेश करने पर एनपीएस अभिताओं के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80 CCD(1B) के तहत अतिरिक्त, कटौती का लाभ का उपलब्धए है। यह आयकर अधिनियम की धारा,1861 के अंतर्गत उपलब्धC 1.5 लाख रूपए की कटौती के अतिरिक्त है। कॉरपोरेट सेक्ट र के अभिदाताओं के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80 CCD (2) के अंतर्गत अतिरिक्त‍ कर लाभ उपलब्ध हैं।
टैक्स बेनिफिट्स अंडर एनपीएस-

1. एनपीएस के अंतर्गत कौन-कौन से कर लाभ हैं?

व्यसक्तिगत अभिदाता को कर लाभ :
ऐसा कोई भी व्य क्ति जो एनपीएस अभिदाता है आयकर अधिनियम की धारा 80 CCE के तहत 1.5 लाख रू. की अधिकतम सीमा के भीतर अनुच्छे द 80 CCD (1) के अंतर्गत कुल आय के 10 प्रतिशत पर कर कटौती का दावा कर सकता है।

आयकर अधिनियम 80 CCD (1B) के तहत सभी एनपीएस अभिदाताओं के लिए विशेष कर लाभ
एनपीएस (टीयर ।) में रू. 50,000 तक निवेश करने पर एनपीएस अभिताओं के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80 CCD(1B) के तहत अरिरिक्त, कटौती का लाभ का उपलब्धए है। यह आयकर अधिनियम की धारा,1861 के अंतर्गत उपलब्धC 1.5 लाख रूपए की कटौती के अतिरिक्त है।

कॉरपोरेट सेक्टबर के अंतर्गत कर लाभ

  1. कॉरपोरेट अभिदाता:
    कॉरपोरेट सेक्ट र के अभिदाताओं के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80 CCD (2) के अंतर्गत अतिरिक्त‍ कर लाभ उपलब्धल हैं। वेतन (मूल+महंगाई भत्ता2) के 10% तक नियोक्ताअ का एनपीएस अंशदान (कर्मचारी के भले के लिए), कर योग्यत आय में से बिना किसी मौद्रिक सीमा के कर कटौती के योग्य( है।
  2. कॉरपारेट
    नियोक्ताक द्वारा एनपीएस में वेतन (मूल+महंगाई भत्ता्) के 10% तक किए गए अंशदान को उनके प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट में से ‘व्या+पार खर्च’ के रूप में कटौती की जा सकती है।
  3. कर लाभ प्राप्तc करने के लिए निवेश किस प्रकार करें :यदि आप एक मौजूदा अभिदाता हैं तो आप टीयर । खाते में अतिरिक्तक अंशदान करने के लिए किसी भी पीओपी से सम्पार्क कर सकते हैं अथवा ई-एनपीएस वेबसाइट (https://enps.nsdl.com) पर जाकर अंशदान कर सकते हैं।

कृपया ध्यान रखें : कर लाभ केवल टीयर । खाते में निवेश करने पर लागू हैं।


2. एनपीएस के अंतर्गत कर लाभ प्राप्त करने हेतु निवेश साक्ष्ये के रूप क्याू प्रस्तुतत करना होगा?

अभिदाता निवेश साक्ष्या के रूप में ट्रांजेक्शरन स्टेयटमेंट प्रस्तुीत कर सकते हैं। वैकल्पिक रूप से,’ऑल सिटिजन ऑफ इंडिया’ के अभिदाता एनपीएस खाते में लॉग-इन करके अपेक्षित वित्ती य वर्ष के लिए टीयर । खाते में किए गए स्वैछिक अंशदान की प्रति को भी डाउनलोड कर सकते हैं। इसे एनपीएस खाते में लॉग इन करके ‘View’ मेन मेन्यूि के अंतर्गत दिए गए ‘ स्टेउटमेंट ऑफ वोल्यंपटरी कंट्रीब्यूकशन अंडर नेशनल पेंशन सिस्टिम (एनपीएस)’ उप मेन्यू से भी डाउनलोड किया जा सकता है।


3. आयकर अधिनियम 80 CCD के अतिरिक्तो एनपीएस के अंतर्गत कौन-कौन से कर लाभ उपलब्धर हैं?

80 CCD के तहत उपलब्ध कर लाभों के अतिरिक्तए, एनपीएस के अंतर्गत निम्मालिखित अन्यै कर लाभ उपलब्धज हैं :

  1. आंशिक आहरण पर कर लाभ:
    अभिदाता निर्दिष्ट प्रयोजनों के लिए 60 वर्ष की आयु से पहले एनपीएस टीयर I खाते से आंशिक आहरण कर सकता है। बजट 2017 के अनुसार, अभिदाता अंशदान में से 25 प्रतिशत तक आहरण राशि कर मुक्त है।
  2. वार्षिकी की खरीद पर कर लाभ:
    वार्षिकी की खरीद पर निवेश की गई राशि, पूरी तरह कर मुक्त है। हालांकि, आगामी वर्षों में आपको प्राप्त होने वाली वार्षिकी आय आयकर के अधीन होगी।
  3. एकमुश्त राशि के आहरण पर कर लाभ:
    अभिदाता द्वारा 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर , एकमुश्त रूप से आहरित की गई 40 प्रतिशत तक की राशि पर कोई कर नहीं लगाया जाएगा।

उदाहरण : यदि 60 वर्ष की आयु पर कुल राशि 10 लाख रू है तो अर्थात कुल राशि का 40% अर्थात 4 लाख का आहरण आप बिना कोई कर दिए कर सकते हैं। यदि आप एनपीएस निधि के 40% भाग का उपयोग एकमुश्त् रूप में करते हैं और शेष 60% का उपयोग सेवानिवृत्ति के समय वार्षिकी की खरीद के लिए करते हैं तो आपको उस समय किसी कर का भुगतान नहीं करना पड़ता। परन्तु आगामी वर्षों में प्राप्ती होने वाली वार्षिकी आय आयकर के अध्यकधीन होगी।


4. टीयर ।। खाते के तहत निवेश करने पर कौन-कौन से कर लाभ उपलब्ध हैं?

एनपीएस टीयर ।। खाते में निवेश करने पर कोई कर लाभ उपलब्ध नहीं है।


What is section 80 DD of Income Tax

What is section 80 DD of Income Tax

*आयकर की धारा 80 डीडी क्या है?*
*What is section 80 DD of Income Tax*

👉इनकम टैक्स की धारा 80 डीडी, किसी करदाता को अपने परिवार में किसी विकलांग व्यक्ति के ऊपर किए गए खर्च पर टैक्स छूट लेने का अधिकार प्रदान करती है।

*यह टैक्स छूट दो प्रकार से मिलती है।*

👉40 प्रतिशत या इससे अधिक विकलांग व्यक्ति के पर 75000 रुपए तक के खर्च पर टैक्स छूट ली जा सकती है।

👉80 प्रतिशत या इससे अधिक विकलांग व्यक्ति के उूपर 1 लाख 25 हजार रुपए तक के खर्च पर टैक्स छूट ली जा सकती है।

*धारा 80 डीडी और धारा 80 यू में अंतर*
*(Difference Between 80DD & 80U)*

धारा 80 डीडी की तरह ही धारा 80 यू भी विकलांग व्यक्ति पर खर्च पर टैक्स छूट पाने का अधिकार देती है। दोंनों में एकसमान टैक्स छूट मिलती है। लेकिन दोनों में बेसिक रूप से अंतर है।

धारा 80DD किसी आश्रित विकलांग व्यक्ति पर खर्च के बदले टैक्स छूट लेने का अधिकार देती है। यह टैक्स छूट उस विकलांग व्यक्ति को नहीं मिलती, बल्कि उस व्यक्ति को मिलती है, जो उस विकलांग व्यक्ति की देख रेख करता है।

धारा 80U किसी विकलांग व्यक्ति की ओर से स्वयं पर किए गए खर्च के बदले टैक्स छूट लेने का अधिकार देती है। यानी कि यह टैक्स छूट उस विकलांग व्यक्ति को खुद ही मिलती है, अगर वह टैक्स भरने लायक आमदनी पाता है तो।

*विकलांग व्यक्ति किसे माना जाएगा*
*Who Will be deemed Disable Person*

संविधान की धारा (1) के भाग 2 में मौजूद कानून समान- अवसर, सुरक्षा का अधिकार और पूर्ण सहभागिता) कानून, 1965 में विकलांगता को परिभाषित किया गया है।

*जिन विकारों को विकलांगता माना गया है, वे इस प्रकार हैं*

§ नेत्रहीनता (अंधापन) Blindness

§ अल्प दृष्टि | Low vision

§ ठीक हुआ कोढ़पन | Leprosy-cured

§ चलने की विकलांगता | Loco motor disability

§ सुनने में कठिनाई | Hearing impairment

§ अल्प मानसिक विकास | Mental retardation

§ मानसिक बीमारी | Mental illness

§ स्वलीनता | Autism

§ मानसिक पक्षाघात | Cerebral palsy

§ बहु विकलांगता | Multi Disabilit

*80 डीडी के तहत टैक्स छूट के लिए जरूरी दस्तावेज*
*(Dcuments to get tax benefits under 80DD)*

धारा 80 डीडी के तहत टैक्स छूट पाने के लिए आपको आप के खर्च पर आश्रित परिवार के सदस्य के बारे में उपयुक्त दस्तावेज भी प्रस्तुत करना होता है। कब कौन सा दस्तावेज लगता है, उसके बारे में नियम इस प्रकार हैं-

*चिकित्सीय प्रमाण पत्र*
*(Medical Certificate)*

आपको अपने परिवार के आश्रित विकलांग व्यक्ति के बारे में उपयुक्त चिकित्साधिकारी की ओर से जारी किया गया मेडिकल सर्टिफिकेट पेश करना होगा। नेत्रहीनता , अल्प दृष्टि, ठीक हुआ कोढ़पन, चलने की विकलांगता, सुनने में कठिनाई , अल्प मानसिक विकास, मानसिक बीमारी की स्थिति में इस प्रमाणपत्र की जरूरत होती है।

*फॉर्म 10 IA कब भरना होता है।*

अगर आप पर आश्रित परिवारी जन स्वलीनता (Autism), मानसिक पक्षाघात (Cerebral palsy) या बहु विकलांगता (Multi Disability) की बीमारी से ग्रस्त है तो आपको फॉर्म 10 IA पेश करना होता है।

*स्वघोषित प्रमाणपत्र*
*(Self-declaration certificate)*

आश्रित व्यक्ति के संबंध में उपरोक्त दस्तावेजों के अलावा आपको खुद भी एक अपनी ओर से घोषणापत्र देना होता है। इस स्वघोषित प्रमाणपत्र में आप बताते हैं कि आश्रित व्यक्ति पर आपने उस साल के दौरान कितना खर्च किया है। इन खर्चों में चिकित्सीय उपचार (नर्सिंग समेत), ट्रेनिंग या पुनर्वास (rehabilitation) पर हुए खर्चे भी शामिल होते हैं।


आयकर अधिनियम की धारा 80DDB क्या है?

आयकर अधिनियम की धारा 80DDB क्या है?


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