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Paymanager Authorization॥ Paymanager Info ॥ Paymanager Sikho Sikhao ॥ पेमेनेजर सीखो सिखाओ।

पेमेनेजर सीखो सिखाओ

PAYMANAGER INFO


Paymanager Authorization


Paymanager Authorization Part-1

★1.बिल फारवर्ड टू ट्रेजरी :-
पे मेनेजर पर वर्तमान में वेतन के अलावा अन्य बिलों की सामान्य प्रक्रिया बिल एलोकेशन – प्रोसेस – डोक्युमेंट अपलोड – डीडीओ फारवर्ड – रिपोर्ट जनरेट – ई साईन – ट्रेजरी फारवर्ड की होती है।इस विकल्प में अंतिम प्रक्रिया के तहत माह, वर्ष, बिल का नाम चयन करते ही बिल प्रदर्शित हो जाता है जिसके पिछे चैकबाक्स में क्लिक कर बिल को फारवर्ड कर देते है और बिल ट्रेजरी चला जाता है।
★2.डोक्युमेंट अपलोड :– ओटो सेलरी बिलों में डीडीओ फारवर्ड के बाद व अन्य बिलों में डीडीओ फारवर्ड से पहले यह प्रक्रिया होती है। इस विकल्प में जाने के बाद माह,वर्ष, बिल का नाम व बिल नम्बर चयन करने पर आवश्यक डोक्युमेंट अपलोड विकल्प दिखाई देते है,संबंधित का चयन कर डोक्युमेंट की पीडीएफ फाईल अपलोड करनी होती है।
★3. पे कमीशन अपडेशन :– यह विकल्प सातवें वेतनमान लागू होने के समय शुरू किया गया था जो सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन को अपडेट करता है-
★पे कमीशन केलकुलेशन :- इस विकल्प में ग्रुप व ग्रेड पे चयन कर फिक्सेशन पर क्लिक करने पर उस ग्रुप के उन सभी कार्मिकों का नाम दिखाई देता है जिनका फिक्सेशन नहीं हुआ है।कार्मिक के नाम पर क्लिक करने पर वो जिस बेसिक पर फिक्स होना है वो दिखाई देती है।
★वेरिफाई इन्ट्री डेट ओफ ग्रेड पे :-
इस विकल्प में ग्रुप का चयन करने पर कार्मिक की वर्तमान ग्रेड पे प्राप्त करने की तारीख दिखाई देती है,तारीख सही होने पर वेरिफाई करना होता है व त्रुटि होने पर कार्मिक की डेट्स में(मास्टर डाटा) में संशोधन करना होता है।
★पे कमीशन रिपोर्ट :– उपरोक्त दोनो कार्य करने के बाद प्रत्येक कार्मिक की पे कमीशन संबंधी रिपोर्ट इस विकल्प में देखी जा सकती है।


Paymanager Authorization Part-2

★4 इ एडवाइस डीडीओ :-
अकाउंट मिसमेच के कारण किसी कार्मिक का पे रिजेक्ट होता है तो वो इस विकल्प में दिखाई देता है।

★इ एडवाइस करेक्शन :-
इस विकल्प में वित वर्ष व अकाउंट नम्बर(जिसका पेमेंट रिजेक्ट हुआ है) डाल कर सबमिट करे,एक इ एडवाइस जनरेट हो जायेगी।

★इ एडवाईस फारवर्ड :- इस विकल्प में इ एडवाइस दिखाई देगी जिसमें नये अकाउंट संबंधी डाटा अपडेट कर फोरवर्ड करे,ट्रेजरी बिल बना कर नये अकाउंट में भुगतान कर देगी।यह कार्य रिजेक्शन के 60 दिन में करना अनिवार्य है।

★रिफंड एडवाईस:- अगर कार्मिक के नये अकाउंट संबंधी कोई सूचना प्राप्त नहीं होती है तो डीडीओ इस विकल्प के माध्यम से पेमेंट वापिस बजट हेड में जमा करवा सकता है।

★एडवाईस स्टेटस :- इस विकल्प के माध्यम से आप अपनी इ एडवाईस का स्टेटस देख सकते है।

★डिलीट रिजेक्टेड एडवाईस:- यहां से आप अपनी रिजेक्टेड एडवाईस डिलीट कर सकते है।

★5.डीडीओ असेप्ट ट्रांसफर :- कार्मिक की पर्सनल पेमेनेजर आईडी पर ट्रांसफर रिक्वेस्ट का विकल्प होता है।अगर कार्मिक उस विकल्प के माध्यम से रिक्वेस्ट फारवर्ड करता है तो डीडीओ इस विकल्प में उस रिक्वेस्ट को असेप्ट कर ट्रांसफर को वेरिफाई कर सकता है।

★6.वेरिफाई एम्पलोइ डिटेल :- बिल डिजिटल साईन चालू होने के बाद प्रत्येक एम्पलोइ की डिटेल एच.ओ.डी. से वेरिफाई होना आवश्यक है। बिना वेरिफिकेशन के बिल नहीं बनाया जा सकता है।वेरिफिकेशन के लिए इस विकल्प में जाने के बाद कार्मिक का नाम दिखाई देता है। पीछे के चैकबाक्स में क्लिक कर आगे नीले रगं के विकल्प ‘डाउनलोड’ से डिटेल डाउनलोड करे, फिर ‘व्यू’ द्वारा देखे और सही होने पर डिजिटल ई साईन करे व फारवर्ड करे। डिटेल एच.ओ.डी. से वेरिफाई हो जायेगी।


Paymanager Authorization Part-3

★8.डोक्युमेंट डिजिटल साईन:- इस विकल्प से बिलों पर डिजिटल साईन किये जाते है।बिल का माह,वर्ष, बिल नाम व बिल टाईप चयन करने पर नीचे बिल का डाटा दिखाई देता है। पीछे चैकबाक्स क्लिक करने पर बिल की रिपोर्ट्स का डाटा सामने दिख जाता है। डीएससी कम्प्यूटर में लगाकर इनके नीचे साईन विद डीएससी पर क्लिक करे।उपर प्रदर्शित हो रहे डिजिटल साईन का चयन करे व पासवर्ड डाले, कुछ पलों में साईन सक्सेसफुल का मैसेज आ जायेगा। डिजिटल साईन के लिए इन्टरनेट एक्सपलोरर ब्राउजर का प्रयोग करे।

★9. एम्पलोइ डिटेल अपडेशन:-
डिजिटल साईन प्रक्रिया शुरू होने के बाद हम कार्मिक की डिटेल सीधे अपडेट नहीं कर सकते है। कुछ डिटेल के लिए एम्पलोइ अपनी पर्सनल आईडी से व कुछ के लिए डीडीओ से एच.ओ.डी.से वेरिफाई करवानी होती है।

★एम्पलोइ डिटेल एप्रूवल :- इस विकल्प से एम्पलोइ द्वारा पर्सनल आईडी से भेजी गई रिक्वेस्ट को एप्रूव कर एच.ओ.डी.को फारवर्ड किया जाता है।

★एम्पलोइ बैंक एप्रूवल :- यहां भी एम्पलोइ द्वारा अपने बैंक खाते को बदलने की भेजी गई रिक्वेस्ट एप्रूव की जाती है।

★एम्पलोइ बैंक अपडेट रिक्वेस्ट :- यहां से हम डीडीओ आईडी से किसी भी कार्मिक के बैंक खाता बदलने की रिक्वेस्ट भेज सकते है।विकल्प में जा कर कार्मिक का चयन करे। उसका वर्तमान बैंक खाता विवरण प्रदर्शित हो जायेगा व नीचे नये बैंक खाते संबंधी डाटा अपडेट करे। बैंक पासबुक की फोटो पीडीएफ में अपलोड करे।

★एम्पलोइ स्टेटस अपडेट:- यहां से एम्पलोइ के स्टेटस में बदलाव कर सकते है व संबंधित डोक्युमेंट अपलोड करे।

★एम्पलोइ डाटा अपडेट:- यहां कार्मिक का डाटा अपडेट करने के लिए रिक्वेस्ट जनरेट करते है एवं संबंधित डाटा से संबंधित डोक्युमेंट अपलोड करते है।

★एम्पलोइ पे डिटेल अपडेट :- कार्मिक के स्थाईकरण, चयनित वेतनमान या पद्दोन्नति के कारण पे डिटेल में होने वाले परिवर्तन के कारण पे डिटेल यहां से अपडेट किया जाता है व वेतन नियमितीकरण का आदेश अपलोड किया जाता है।

★डिलीट रिजेक्टेड रिक्वेस्ट :- जो रिक्वेस्ट रिजेक्ट हो चुकी है उनको यहां से डिलीट किया जा सकता है।


Paymanager Authorization Part4

★ट्रांसफर एम्पलोइ :- किसी कार्मिक का स्थानांतरण हो जाने के बाद इस विकल्प से कार्मिक की पेमेनेजर आईडी उसके नये डीडीओ को फारवर्ड की जाती है।कार्मिक को एम्पलोइ आईडी या नाम से सर्च कर उसके नाम पर क्लिक करनें पर कार्मिक का डाटा प्रदर्शित होता है और नये डीडीओ की आफिस आईडी आदेश क्रमांक व दिनांक डाल कर सबमिट करे।

★आफलाइन बिल सबमिशन:- वर्तमान में इस विकल्प से ई साइन रिपोर्ट देखी जा सकती है एवं अपलोड किये हुए डोक्युमेंट भी देखे जा सकते है।

★असेप्ट ट्रांसफर्ड एम्पलोइ :- इस विकल्प से हम नये स्थानांतरित होकर आये कार्मिक की पेमेनेजर आईडी स्वीकृत करते है।आईडी पेमेनेजर पर आ जाने पर यहां कार्मिक का नाम दिखाई देता है। उस पर क्लिक कर पद व ग्रुप चयन कर सबमिट करना है।

★व्यू बिल स्टेटस :- यहां हम पेमेनेजर पर बनाए गये बिलों का स्टेटस देख सकते है।माह, वर्ष व बिल टाईप चयन करने पर उस माह में बने चयनित टाईप के बिल प्रदर्शित हो जाते है। बिल की चार प्रक्रिया-बिल एलोकेशन, प्रोसेस, डीडीओ फारवर्ड व ट्रेजरी फारवर्ड के नीचे सही(√) के निशान का मतलब ये प्रक्रिया पुरी हो गई है और क्रास(×) का मतलब प्रक्रिया बाकी है। ट्रेजरी फारवर्ड के बाद बिल का स्टेटस क्या है ? इसके लिए आगे दिये गए नीले रंग के डिटेल पर क्लिक करे।

★डिलीट बिल :- इस विकल्प से हम गलत बने हुए या पेंडिंग बिल डिलीट कर सकते है।


Paymanager Authorization Part-5

★डीडीओ जीएसटी रजिस्ट्रेशन:-
इस विकल्प में जो डीडीओ जीएसटी में रजिस्टर्ड है उनका रजिस्ट्रेशन नम्बर और रजिस्ट्रेशन दिनांक डाल कर सबमिट करना है।

★कवरिंग लेटर :- जब कोई बिल ट्रेजरी फोरवर्ड करने के 48 घंटे तक किसी अवकाश या अन्य कारण से ट्रेजरी द्वारा टोकन नहीं किया जाता है तो इस विकल्प से संबंधित बिल सर्च कर कवरिंग लेटर उचित कारण सहित डाउनलोड कर ट्रेजरी भेजना होता है।वर्तमान ओटो प्रोसेस में वेतन बिलों पर यह लागू नहीं है।

★बिल रिवर्ट टू सब डीडीओ :-
यह व्यवस्था सब डीडीओ के लिए है।सब डीडीओ अपना बिल डीडीओ को फारवर्ड करनें के बाद किसी कारण रिवर्ट करना चाहे तो इस विकल्प में रिफरेंस नम्बर या मेन्युअली रिवर्ट कर सकता है।

★एम्पलोइ अकाउंट वेरिफिकेशन :-
सामान्यतः जब पेमेनेजर पर नये कार्मिक की आईडी बनाई जाती है तो कार्मिक का अकाउंट वेरिफिकेशन करना होता है। इस विकल्प में ग्रुप का नाम चयन करने पर संबंधित कार्मिक का नाम व खाता संबंधी डाटा दिखाई देता है,सामने के वेरिफाई पर क्लिक कर वेरिफिकेशन करे।

★सेंक्शन मोड्यूल :- इस विकल्प में वर्तमान में अधिकारियों के लिए चालू किये गये टेलीफोन व समाचार पत्र के भुगतान के ओटो प्रोसेस संबंधी रिपोर्ट तैयार की जाती है।

◆डीडीओ सेंक्शन जनरेट :- बिल प्रोसेसिंग में टेलीफोन व समाचार पत्रों के लिए अधिकारियों को एप्रूव करनें के बाद इस विकल्प के माध्यम से डीडीओ सेंक्शन ओर्डर जनरेट किया जाता है।

◆डीडीओ सेंक्शन एप्रूव :- यहां से डीडीओ सेंक्शन ओर्डर को एप्रूव किया जाता है।

◆डीडीओ सेंक्शन रिपोर्ट :- यहां से सेंक्शन ओर्डर को एप्रूव करने के बाद रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते है।


Paymanager Authorization Part-6

★व्यू बिल ओब्जेक्शन स्टेटस :-
किसी बिल पर ओब्जेक्शन आता है तो पहले उसको रिफरेंस नम्बर से रिवर्ट करना पड़ता है उसके बाद माह,वर्ष, बिल नाम ,बिल टाईप व बिल नम्बर का चयन करनें पर उस बिल से संबंधी ओब्जेक्शन नीचे दिखाई देते है।ओब्जेक्शन के सामने के कालम में उसका निदान लिखे व संबंधित डोक्युमेंट अपलोड कर सबमिट करे।
★डिक्रीमेंट सेलेरी अपडेट :-
किसी कार्मिक की वेतन वृद्धि वापिस लेनी हो तो इस विकल्प के माध्यम से ली जाती है।वर्ष, माह, पेकमीशन व ग्रुप का चयन करने पर संबंधित बिल के सभी कार्मिकों का नाम प्रदर्शित होता है,जिसकी वेतन वृद्धि हटानी हो उसके नाम के पिछे चैकबाक्स में क्लिक कर सबमिट करे।
★अपडेट बिल डिटेल:- अगर किसी बिल की डिटेल में संशोधन करना हो तो इस विकल्प में रिफरेंस नम्बर से सर्च करके कर सकते है पर डीडीओ फारवर्ड के बाद संशोधन नहीं होगा।
★एडिशनल डेजिग्नेशन मैपिंग:-
यदि पेमेनेजर पर हमें कोई पदनाम नहीं मिलता है तो इस विकल्प से हम उस पदनाम को मैप कर सकते है।
★बिल रिवर्ट :- इस विकल्प से हम डीडीओ फारवर्ड के बाद किसी संशोधन के लिए बिल रिवर्ट कर सकते है।इसके लिए रिफरेंस नम्बर या मेन्युअली दोनो तरह की प्रक्रिया होती है।ओब्जेक्शन आने पर भी बिल रिवर्ट किया जा सकता है।
★एम्पलोइ बिल रिवर्ट :- वर्तमान में कार्मिकों के यात्रा व चिकित्सा भत्ते के बिल उनकी पर्सनल पेमेनेजर आईडी पर बना कर डीडीओ फारवर्ड करनें होते है।डीडीओ आईडी पर आये बिल अगर गलत हो या डीडीओ संतुष्ट ना हो तो इस विकल्प के माध्यम से रिवर्ट कर वापिस कार्मिक को लौटा सकता है।इसके लिए बिल का नाम,कार्मिक का नाम व बिल टाईप का चयन करे व लौटाने का कारण लिखे, नीचे बिल डाटा के आगे चैकबाक्स में क्लिक कर रिवर्ट करे।


Paymanager Authorization Part-7

★ई कुबेर नाम करेक्शन :- पेमेनेजर से बिना किसी ओब्जेक्शन के भुगतान होने के लिए पेमेनेजर पर कार्मिक के नाम व बैंक खाते के नाम में कोई अंतर नहीं होना चाहिए।इसके लिए इ कुबेर करेक्शन चालू किया।इस विकल्प में जाने पर जिन कार्मिकों, थर्ड पार्टी के डाटा में संशोधन करना होता है उनका विवरण प्रदर्शित होता है,संबंधित पर क्लिक कर सुधार करना होता है।
★डिलीट पैंडिंग बिल :- इस विकल्प से ऐसे बिल जो पेंडिंग है या ट्रेजरी द्वारा देखे नहीं गये है उनको सर्च कर डिलीट करवाया जाता है।
★रिफरेन्स नम्बर वाइज सोफ्ट कापी स्टेटस :- इस विकल्प के माध्यम से हम बिल पास होने के बाद उसका सोफ्ट कापी स्टेटस देख सकते है।रिफरेन्स नम्बर डालने पर बिल का स्टेटस प्रदर्शित हो जाता है।
★इन्कमटैक्स रिवर्ट :- बिल प्रोसेसिंग में इन्कमटैक्स कैलकुलेशन में किसी भी कार्मिक का इन्कमटैक्स कैलकुलेशन कर डीडीओ को फोरवर्ड किया जाता है।अगर डीडीओ को लगे कि इस कैलकुलेशन में कमी है तो इस विकल्प के माध्यम से उसे रिवर्ट किया जा सकता है।
★रिजन फोर आफलाइन पैमेंट :- अगर किसी कार्मिक या थर्ड पार्टी का ओनलाइन पेमेंट करना किसी कारण से संभव ना हो तो उसका कारण इस विकल्प में सबमिट करने पर कोष कार्यालय द्वारा चैक पेमेंट किया जा सकता है।
★पीडी बैंक रजिस्ट्रेशन :- इस विकल्प से पीडी अकाउंट का रजिस्ट्रेशन किया जाता है।
★एप्रूव एम्पलोइ डिडक्शन रिक्वेस्ट:- यह विकल्प अभी चालू किया गया है। किसी कार्मिक को अगर इन्कमटैक्स या जीपीएफ कटौती बढानी हो तो उसे अपनी पर्सनल पेमेनेजर आइडी से रिक्वेस्ट भेजनी होती है।डीडीओ इस विकल्प के माध्यम से एप्रूव करता है और कटौती ओटो अपडेट हो जाती है।अगर इन्कमटैक्स कटौती पहली बार की जानी है तो एम्पलोइ पे डिटेल में ही जोड़ी जायेगी, ओटो अपडेट नहीं होगी।


लेख

बलबीर स्वामी (व्याख्याता) राउमावि कायमसर (सीकर)


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