ITR फॉर्म को लेकर अगले साल सरकार कर सकती है ये बदलाव, टैक्स कलेक्शन में इजाफे से मिलेगा सपोर्ट
आईटीआर सुधार: आने वाले दिनों में टैक्स चोरी करने वालों पर सरकार और सख्ती कर सकती है। इसके साथ ही ऑनलाइन गेमिंग के अलावा ई-कॉमर्स और ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए कड़े टैक्स नॉर्म्स पर भी विचार किया जा सकता है।
ITR Form:-
टैक्स कलेक्शन में 26 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ सरकार टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन में सुधारों का अगला दौर शुरू करने जा रही है. इसमें इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने के लिए उपलब्ध फॉर्म्स की संख्या घटाई जा सकती है. इस बदलाव से करदाताओं को सुविधा होगी और रिटर्न दाखिल करने में लगने वाला समय कम होगा। महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार के स्पष्ट संकेत और कर चोरी रोकने के सरकार के प्रयासों से 2022 में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह में उछाल आया है।
टैक्स चोरी पर सख्त होगी सरकार
सरकार आने वाले दिनों में टैक्स चोरी करने वालों पर और सख्ती कर सकती है। इसके साथ ही ऑनलाइन गेमिंग के अलावा ई-कॉमर्स और ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए कड़े टैक्स नॉर्म्स पर भी विचार किया जा सकता है।
G-20 की मेजबानी करेगा भारत
भारत अगले साल जी-20 देशों के नेताओं की मेजबानी के लिए तैयार है। इसके साथ ही डिजिटल अर्थव्यवस्था में कराधान, विकासशील देशों को कर का उचित हिस्सा सुनिश्चित करना और क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर कराधान भी एजेंडे में होगा।
स्टॉक्स पर लॉन्ग टर्म टैक्स लगता है
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स स्ट्रक्चर के युक्तिकरण से भी समान परिसंपत्ति वर्गों के बीच होल्डिंग अवधि में एकरूपता आने की उम्मीद है। मौजूदा समय में एक साल से अधिक समय तक रखे गए शेयरों पर दीर्घावधि पूंजीगत लाभ पर 10 फीसदी कर लगता है।
नए साल में बदलेगा टैक्स सिस्टम
अचल संपत्ति की बिक्री और दो साल से अधिक समय तक गैर-सूचीबद्ध शेयरों और तीन साल से अधिक समय तक रखे गए ऋण उपकरण और आभूषणों पर 20 प्रतिशत का दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर लगता है। नई कर प्रणाली में कुछ बदलाव अगले साल भी होने की उम्मीद है, क्योंकि सरकार व्यक्तिगत करदाताओं को मुक्त कर प्रणाली को और अधिक आकर्षक बनाना चाहती है।
टैक्सपेयर्स को मिलेगा कई ऑप्शन
टैक्स ऑफिस ज्यादातर टैक्सपेयर्स के लिए एक कॉमन आईटीआर फॉर्म तैयार करने पर काम कर रहे हैं। हालांकि, व्यक्तिगत करदाताओं के लिए फॉर्म (आईटीआर-1 और 4) जारी रहेंगे। आईटीआर-1 और आईटीआर-4 दाखिल करने वाले करदाताओं के पास यह चुनने का विकल्प होगा कि वे प्रस्तावित सामान्य आईटीआर फॉर्म या मौजूदा फॉर्म में से अपना टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहते हैं या नहीं। वर्तमान में करदाताओं के लिए विभिन्न श्रृंखलाओं के साथ सात प्रकार के आईटीआर फॉर्म उपलब्ध हैं।
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