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सेक्शन 80सी के अलावा इन 5 सेक्शन में बचाएं कम से कम 5 लाख पर टैक्स

टैक्स सेविंग टिप्स: टैक्स सेविंग के लिए सेक्शन 80सी सबसे लोकप्रिय है। इसकी लिमिट 1.5 लाख रुपये है। इसके अलावा इनकम टैक्स एक्ट की अलग-अलग धाराओं पर लाखों रुपए का टैक्स बचाया जा सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ एक्सपर्ट्स से।

सेक्शन 80सी के अलावा इन 5 सेक्शन में बचाएं कम से कम 5 लाख पर टैक्स

इनकम टैक्स सेविंग टिप्स 2022-23: टैक्स प्लानिंग समय रहते अच्छी तरह से कर लेनी चाहिए। अगर आप समय पर टैक्स प्लानिंग नहीं करते हैं तो आपको इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इनकम टैक्स एक्ट के तहत डिडक्शन का बेनिफिट अलग-अलग सेक्शन के तहत मिलता है। हर सेक्शन की लिमिट भी अलग-अलग होती है। सेक्शन 80सी टैक्स सेविंग का सबसे लोकप्रिय सेक्शन है। इस सेक्शन के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये पर टैक्स बचाया जा सकता है। इसके अलावा टैक्स बचाने के लिए दर्जनों धाराएं बनाई गई हैं, जिनका फायदा ज्यादातर करदाता नहीं उठा पा रहे हैं। सेक्शन 80C के अलावा ऐसे 5 सेक्शन के बारे में जहां टैक्स सेविंग की जा सकती है।

80D के तहत 1 लाख रुपए बचाएं

आज के दौर में मेडिकल इंश्योरेंस लेना हर किसी के लिए जरूरी हो गया है। अपनी कमाई के अनुसार अपने और अपने परिवार के लिए पर्याप्त चिकित्सा बीमा खरीदें। सेक्शन 80डी के तहत एक लाख रुपए तक की बचत की जा सकती है। हालांकि, इसके लिए खुद और माता-पिता दोनों की उम्र 60 साल से ऊपर होनी चाहिए। अगर दोनों की उम्र 60 साल से कम है तो 50 हजार तक की बचत हो सकती है।

80DD के तहत 1.25 लाख रुपए बचाएं

सेक्शन 80डीडी के तहत 1.25 लाख रुपए तक की बचत की जा सकती है। यदि आपके परिवार में कोई विकलांग व्यक्ति है तो इस धारा के तहत उसके इलाज पर होने वाले खर्च का लाभ उठाया जा सकता है। अगर पति-पत्नी, माता-पिता, भाई, बहन में कोई विकलांग है तो उसके इलाज पर 1.25 लाख तक की टैक्स छूट मिलेगी. विकलांगता की स्थिति में 75 हजार और गंभीर विकलांगता की स्थिति में 1.25 लाख तक टैक्स बेनिफिट मिलेगा।

80DDB के तहत 1 लाख रुपये तक की बचत करें

कुछ बीमारियों का इलाज कराने पर आपको सेक्शन 80डीडीबी के तहत कटौती का लाभ मिलता है, जिसकी सीमा 1 लाख रुपये तक है। यह स्वयं, पत्नी, बच्चों, माता-पिता और भाई/बहन के इलाज के लिए लाभकारी है। वैसे इसकी लिमिट 40 हजार ही है। अगर जिस व्यक्ति का इलाज चल रहा है उसकी उम्र 60 साल से ऊपर है तो 1 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है।

80U पर 1.25 लाख रुपये तक का डिस्काउंट मिल रहा है

यदि आप किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं जो स्थायी विकलांगता का कारण बनता है, तो इन मामलों में धारा 80यू के तहत 1.25 लाख रुपये तक की बचत की जा सकती है। विकलांगता के मामले में इसकी सीमा 75 हजार रुपये और गंभीर विकलांगता की स्थिति में 1.25 लाख रुपये तक की कटौती की जा सकती है।

80E के तहत ब्याज वाले हिस्से पर डिडक्शन मिलता है।

अगर टैक्सपेयर ने खुद एजुकेशन लोन लिया है या यह लोन पत्नी या बच्चों के नाम पर लिया है तो सेक्शन 80E के तहत डिडक्शन का फायदा मिलता है. इसका फायदा अगले आठ साल तक लिया जा सकता है। इसकी कोई ऊपरी सीमा नहीं है। शिक्षा ऋण की ईएमआई के ब्याज वाले हिस्से पर कटौती का लाभ मिलता है।

 

 


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